Wednesday, May 29, 2024

Rahul Gandhi gets the 'taste' of press freedom after he calls a woman journalist 'chamchi' .... several Muslim scribes show mirror to incompetent dynast

 Several media persons including women and Muslim journalists have taken strong exception to Rahul Gandhi's sheer display of arrogance when he called a female scribe 'chamchi' -- sycophant.


Of course, SYCOPHANCY is something a very strong element in Congress politics and the very foundation of survival in Congress.  


In the past as well, he has reacted to uncomfortable questions -- saying -- "aap itna directly BJP ke liye kyon kam karten haen" (Why you are so directly working for BJP)"
"...Yeh BJP ka question hae".






This is what journalist Rubika Liyaquat wrote on X throw her handle

@RubikaLiyaquat


"राहुल गांधी जी… ‘चमची-चमचा वातावरण’ से बाहर निकलिए…उस ज़माने को गुज़रे बरसों हो गए हैं…क्या हुआ आपकी मुहब्बत की दुकान का? न भाषा में संयम, न मर्यादा.. इतनी कुंठा क्यूँ? 

("Rahul Gandhi you should rather come out of Chamchi-chamcha atmosphere". )

दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपके सलाहकारों ने आपको राजनेता की बजाए troller बना दिया। 

पीएम ने अब तक 71 साक्षात्कार दे दिए हैं..हर सवाल उनसे पूछा गया है… महंगाई से लेकर घुसपैठियों वाले बयान तक 
चीन से लेकर पाकिस्तान.. देश से लेकर विदेश तक। पत्रकार का धर्म है सवाल पूछना.. हम हर क़िस्म का सवाल पूछेंगे। आप को किसने रोका है? आप केवल 1 दे दीजिए। 
आप अपनी राजनीति पर ध्यान केंद्रित कीजिए, पत्रकारिता से आपको चुनाव नहीं लड़ना है.. चुनाव मोदी से लड़ना है। 

She also says Rahul Gandhi should decide first who is fighting against -- journalism or Modi !!


और हाँ.. मेरा नाम रुबिका लियाक़त है..नाम अगली बार पर्ची पर लिखकर ले जाइएगा.. -- @RubikaLiyaquat
posted.






Another journalist Mohd Moin of ABP news also joined the issue and wrote:


"रुबिका लियाकत देश की बेटी है। देश की आवाज़ है। 

(Rubika is the daughter of this country. She is the voice of this country"

बेबाक- निडर और निष्पक्ष पत्रकार है। मुस्लिम होने के बावजूद लकीर की फकीर नहीं है, इसलिए भरी सभा में मोहब्बत की दुकान के रखवाले उन्हें चमची कहकर उपहास कर रहे हैं। दूसरी तरफ बात- बात में भावनाएं आहत होने का रोना रोने वाली फौज एक बेबाक पत्रकार- एक महिला - एक मुसलमान - एक राष्ट्रवादी के उपहास और उसके अपमान की निंदा व आलोचना के बजाय चमची वाले वीडियो को वायरल कर धृतराष्ट्र एवं दुर्योधन बन मजे ले रही है। 

बात मोहब्बत की दुकान से निकली है, लिहाज़ा न तो यह महिला का अपमान है और न मुसलमान का। 


Ridiculing him Moin also wrote --- "All these (Rahul's description of journalist Rubia as chamchi ...
is neither an insult for a woman nor a Muslim. 


द्वापर युग के महाभारत काल के चीरहरण कांड का कलियुगी रूप नहीं है यह ?


(He suggested that such actions by anyone (that is the Congress leader) sound like that of either Dhritarashtra or Duryadhan (two great characters of Mahabharat who are better known for insulting and disrobing of a woman) 







Journalist Aman Chopra also wrote on X :::


राहुल जी आपसे सहानुभूति है।

पत्रकारों के लिए ऐसी भाषा आपकी हताशा का परिचायक है। 

शायद आपको 2014 के अपने इंटरव्यू के बुरे सपने अभी भी आते होंगे वरना आप अपने ‘चमचे चमचियों’ को तो इंटरव्यू देते।

सवाल उठाने से पहले सवालों का सामना करने की हिम्मत जुटाइये🙏🏻

(Before raising questions, please develop the courage in you to face questions)" 




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